शेयर बाजार कैसे काम करता है? Stock Market Live News Update: 2024?
शेयर बाजार कैसे काम करता है: How does the stock market work नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बात करते है। बात करते हैं शेयर मार्केट के बारे में शेयर मार्केट क्या है क्यों है किस तरह से काम करता है क्या फायदे क्या नुकसान है और आप इसमें किस तरह से पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं तो दोस्तों आइये जानते है। की शेयर बाजार Market कैसे काम करता हैं।
शेयर बाजार Market ऐसे काम करता हैं?
स्टॉक मार्केट शेयर मार्केट या इक्विटी मार्केट इन तीनों का एक ही मतलब है दोस्तों यह वह मार्केट होता है जहां पर आप किसी कंपनी के शेयर्स खरीद सकते हो या बेच सकते हो शेयर्स खरीदने का मतलब है। कि आप किसी कंपनी में कुछ % ओनरशिप खरीद रहे हो यानी कुछ % आप उस कंपनी के मालिक बन रहे हो यानी उस कंपनी को अगर प्रॉफिट होगा तो कुछ परसेंट उस प्रॉफिट का आपको भी मिलेगा उस कंपनी को अगर लॉस होगा तो कुछ % उस लॉस का आपको भी सहना पड़ेगा। ये स्टॉक मार्किट का चक्रव्यूह हैं। जो ऐसा ही चलते रहेगा।
सबसे छोटे स्केल पर मैं आपको इसका एग्जांपल बताऊं आइये जानते हैं?
सबसे छोटे स्केल पर मैं आपको इसका एग्जांपल बताऊं तो दोस्तों मान लो आपको एक नया स्टार्टअप खोलना है आपके पास ₹10000 है लेकिन वह काफी नहीं है। तो आप अपने दोस्त के पास जाते और कहते हो कि तू भी ₹10000 लगा और हम 50-50 पार्टनरशिप करेंगे
यहाँ पर तो आपकी कंपनी का जो फ्यूचर में प्रॉफिट होगा 50% आपको मिलेगा 50% आपके दोस्त को मिलेगा इस केस में 50% शेयर्स अपने अपने दोस्त को दे दिए इस कंपनी में यही चीज बड़े स्केल पर स्टॉक मार्केट में होती है बस फर्क यह है कि वहां पर आप अपने दोस्त के पास जाने की जगह पूरी दुनिया के पास जाते और कहते हो कि आओ मेरी कंपनी में शेयर्स खरीदो।
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शेयर मार्केट की शुरुआत?
शेयर मार्केट की शुरुआत आज से करीब 400 साल पहले हुई थी दोस्तों 1600 के टाइम पर एक डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी जैसे एक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी थी वैसे एक डच ईस्ट इंडिया कंपनी भी थी जो कंट्री आज के टाइम पर नीदरलैंड्स है उसे जमाने में दोस्तों लोग शिप के द्वारा बहुत एक्सप्लोरिंग किया करते थे पूरा दुनिया का नक्शा डिस्कवर नहीं हुआ था तो यह कंपनी शिप भेजती थी अपनी दूसरी दुनिया की खोज करने के लिए ट्रेड करने के लिए दूर-दूर तक तो ये हजारों किलोमीटर का सफल होता था जहाज में बैठकर इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती थी।
यह पैसा किसी भी एक इंसान के पास इतना नहीं था उस टाइम पर तो उन्होंने ओपनली ऑफर किया आम लोगों को की आओ हमारे जहाज में पैसा लगाओ हमारी शिप में पैसा लगाओ कि जब यह शिप इतना लंबा सफर तय करके किसी और देश जाएंगे वहां से जो भी खजाना यह लेकर आएंगे जो भी पैसे कम कर
आएंगे तो और में कुछ शेयर आपको मिल जाएगा उन पैसों का लेकिन यह काम बहुत रिस्की होता था दोस्तों क्योंकि उसे टाइम पर आधे से ज्यादा जहाज तो वापस लौट कर ही नहीं आते थे गुम हो जाते थे टूट जाते थे या लूट लिए जाते थे कुछ भी होता था उनके साथ तो इन्वेस्टर्स ने देखा एक काम बहुत रिस्की था यहां पर।
उन्होंने डिसाइड किया कि एक जहाज में पैसे लगाने से अच्छा 5-6 जहाज में पैसा लगाओ कि चांसेस तो यह हो कि कुछ एक न एक तो उनमें से वापस आए yaha पर और एक जहाज दोस्तों मल्टीप्ल इन्वेस्टर के पास जाकर यह पैसे लेता था तो यह कहीं ना कहीं एक तरह से शेयर मार्केट क्रिएट हो गया ओपनली बिडिंग होती थी।
वहां पर जहाज की वहां के डॉग्स पर डॉग्स वो जगह होती है यहां से शिप निकलते हैं देखते ही देखते दोस्तों सिस्टम बहुत सक्सेसफुल हो गया क्योंकि कंपनी को जो पैसों की कमी होती थी वह आम लोग पूरी करते थे और आम लोगों को यहां पर और ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिल जाता था आपने हिस्ट्री की किताबों में पढ़ाई होगा कि ईस्ट इंडिया कंपनी और डच ईस्ट इंडिया कंपनी कितनी अमीर बन गई थी उसे टाइम पर. और आज के दिन दोस्तों ऑलमोस्ट हर कंट्री में अपना एक स्टॉक एक्सचेंज है और हर कंट्री स्टॉक मार्केट पर बहुत डिपेंडेंट बन गई है।
स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है वह बिल्डिंग है जहां पर लोग कंपनी के शेयर्स को खरीदने और बेचते हैं दो टाइप के मार्केट में से डिवाइड किया जा सकता है प्रायमरी मार्केट और एक सेकेंडरी मार्केट प्रायमरी मार्केट वो है दोस्तों यहां पर कंपनी जाकर अपने seyar को बेचतीं हैं। यह कंपनी के ऊपर है कि वो एक्जेक्टली क्या प्राइस रखें अपने शेर का हालांकि इसमें कुछ रेगुलेशंस भी होती है लेकिन कंपनी ज्यादा ऊपर नीचे कर नहीं सकती क्योंकि ओबवियसली डिमांड पर डिपेंड करता है।
कितना प्राइस वहां पर लोग देने को तैयार है कंपनी के शेयर के लिए अगर एक कंपनी एक लाख की वैल्यू है कंपनी की वह अपने एक लाख शेयर्स बाटती है। और एक रुपए पर शेयर में लोगों को ऑफर करती है अब अगर उसकी डिमांड ज्यादा है लोग चाहते हैं कि मैं भी शेयर खरीद दूं तो ओबवियसली वह ज्यादा प्राइस में बेच पाएगी अपने शेयर्स को तो आजकल कंपनी क्या करती है एक मिनिमम प्राइस होता है एक मैक्सिमम प्राइस होता है तो एक रेंज डिसाइड कर लेती है कंपनी की मैं इस रेंज के अंदर अपने शेयर्स को यहां पर बेचूंगी।
तो सबसे इंपोर्टेंट सवाल यहां पर यह उठता है?
तो सबसे इंपोर्टेंट सवाल यहां पर यह उठता है कि क्या आपको शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए काफी लोग इसे हुए से कंपेयर करते हैं गैंबलिंग कहते हैं क्योंकि इसमें इतना ज्यादा रिस्क होता है और मेरी राय में दोस्तों ये बिल्कुल सही कहते हैं एक तरह की गैंबलिंग ही है अगर आपको नहीं पता कि वह कंपनी किस टाइप की है।
कंपनी की परफॉर्मेंस कैसी रही है कंपनी के एक्जेक्टली पैरामीटर क्या है फाइनेंशियल रिकॉर्ड क्या है कंपनी का उसकी अकाउंटिंग इनफॉरमेशन देखकर आप हिस्ट्री नहीं देखे तो एक तरह से जुआ खेलने जैसा ही है। क्योंकि आपको कोई आईडिया ही नहीं है कि वो कंपनी फ्यूचर में कैसा परफॉर्म करेगी बस आप लोगों की बात सुनकर ही पैसे लगा देते है।
कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही है इसमें शेयर मार्केट में पैसे लगा देते है। आप लोगो को ऐसा काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ये काम जो रात दिन कर रहे हैं जैसे कि ट्रेडर्स है जो एक्सपर्ट्स है इस फील्ड में जिनको ज्यादा नॉलेज है स्टॉक मार्केट के बारे में वह स्पष्ट रुप ज्यादा अच्छा परफॉर्म करेंगे। क्योंकि उन्हें पता होगा कि यह सब कैसे काम करता है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों मेरी राय में दोस्तों आपको कभी भी शेयर मार्केट में डायरेक्टली इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए उन एक्सपर्ट्स से सलाह लेनी चाहिये शेयर बाजार कैसे काम करता है आज आपने जाना इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर के बताइये और ऐसी ही शेयर बाजार की सही जानकारी के लिये विजिट करे इस ब्लॉग को.